भारतीय शेयर बाज़ार नए शिखर पर

सितंबर 2025 में भारतीय शेयर बाज़ार ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। निफ्टी 50 ने पहली बार 25,000 अंक पार किए, जबकि सेंसेक्स 82,000 के स्तर पर बंद हुआ। आईटी और बैंकिंग सेक्टर की मज़बूत कमाई ने निवेशकों को आकर्षित किया। विदेशी संस्थागत निवेश (FII) में लगातार inflow से बाज़ार का उत्साह बढ़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिर राजनीतिक माहौल और मजबूत GDP ग्रोथ इस तेजी का मुख्य कारण हैं। हालांकि, वे चेतावनी देते हैं कि अमेरिकी ब्याज दरों में बदलाव और कच्चे तेल की कीमतें आने वाले महीनों में अस्थिरता ला सकती हैं।

RBI की डिजिटल रुपया पहल

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल रुपया (e₹) पायलट प्रोग्राम का दूसरा चरण शुरू किया है। अब यह 20 से ज्यादा शहरों और 15 बैंकों में उपलब्ध है। इसका लक्ष्य कैश-लेनदेन कम करना और तेज़ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है। नए अपडेट में ऑफलाइन ट्रांजैक्शन और QR कोड पेमेंट सपोर्ट जोड़ा गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि डिजिटल रुपया से मनी ट्रांसफर की लागत घटेगी और नकली नोट की समस्या कम होगी। उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए RBI ने मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया है।

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उछाल

सितंबर 2025 में बिटकॉइन की कीमत 90,000 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। अमेरिकी ETF अप्रूवल और संस्थागत निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने क्रिप्टो मार्केट को नई ऊंचाई दी है। एथेरियम और सोलाना जैसी अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी ने भी 20% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की। भारतीय निवेशक भी तेजी से क्रिप्टो में निवेश बढ़ा रहे हैं। हालांकि, सरकार ने चेतावनी दी है कि निवेशक जोखिम समझकर ही पैसे लगाएं। कर नियमों में संशोधन की उम्मीद है ताकि क्रिप्टो लेनदेन पर पारदर्शिता बढ़ सके।

गोल्ड और सिल्वर की कीमतें

वैश्विक अनिश्चितताओं और डॉलर की कमजोरी के चलते सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड पर हैं। भारत में 24 कैरेट गोल्ड ₹68,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। चांदी भी ₹78,000 प्रति किलो के स्तर को पार कर गई है। निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं, खासकर शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए। ज्वेलरी डिमांड त्योहारी सीज़न में बढ़ने की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें घटाता है तो सोने में और तेजी आ सकती है।

 भारतीय बैंकिंग सेक्टर का मजबूत प्रदर्शन

HDFC Bank, SBI और ICICI Bank जैसी प्रमुख बैंकों ने Q2 FY26 में उम्मीद से बेहतर नतीजे दर्ज किए। क्रेडिट ग्रोथ 15% तक पहुंची, जबकि NPAs में कमी आई। डिजिटल बैंकिंग और UPI पेमेंट्स की तेज़ी ने राजस्व बढ़ाया। RBI के अनुसार, बैंकिंग सिस्टम में तरलता पर्याप्त है और ऋण वितरण में स्थिरता बनी हुई है। इस प्रदर्शन से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और बैंकिंग स्टॉक्स में जबरदस्त खरीदारी देखी जा रही है। आने वाले त्योहारी सीज़न में होम लोन और पर्सनल लोन की डिमांड और बढ़ने की उम्मीद है।

भारत में IT सेक्टर की नई हायरिंग लहर

2025 की तीसरी तिमाही में भारतीय IT कंपनियां 2 लाख से अधिक नए कर्मचारियों को भर्ती करने की योजना बना रही हैं। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां जनरेटिव AI, साइबरसिक्योरिटी और क्लाउड इंजीनियरिंग पर ध्यान दे रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ग्लोबल क्लाइंट डिमांड के कारण यह हायरिंग बढ़ी है। नए ग्रेजुएट्स के लिए औसत पैकेज 15% बढ़ा है। कंपनियां अपस्किलिंग प्रोग्राम पर भी निवेश कर रही हैं ताकि कर्मचारी AI और डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों में दक्ष बन सकें।

स्टार्टअप सेक्टर में जॉब क्रिएशन

भारत में स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 5 लाख से ज्यादा नौकरियां बनाई हैं। फिनटेक, हेल्थटेक और ई-कॉमर्स सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। निवेशकों का कहना है कि नए फंडिंग राउंड से और रोजगार पैदा होंगे। कई स्टार्टअप अब छोटे शहरों में भी हायरिंग कर रहे हैं, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में युवाओं को अवसर मिल रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उम्मीदवारों को मल्टी-स्किल्ड होना चाहिए क्योंकि स्टार्टअप्स में रोल्स डायनामिक और तेजी से बदलने वाले होते हैं।

 सरकारी नौकरियों में भर्ती तेज़

केंद्र सरकार ने 2026 तक 10 लाख सरकारी पद भरने का लक्ष्य रखा है। रेलवे, डाक विभाग, रक्षा मंत्रालय और शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा भर्तियां होंगी। इस वर्ष पहले ही 3.5 लाख नियुक्तियां की जा चुकी हैं। डिजिटल रिक्रूटमेंट प्रक्रिया से भर्ती तेज़ और पारदर्शी हो रही है। युवाओं के लिए नई स्किल ट्रेनिंग योजनाएं भी शुरू की गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बेरोज़गारी दर में कमी आएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

विदेशों में भारतीय पेशेवरों की मांग

अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय IT, नर्सिंग और इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है। नई इमिग्रेशन नीतियों और रिमोट वर्क कल्चर ने अंतरराष्ट्रीय अवसरों को आसान बनाया है। 2025 में H-1B और अन्य वर्क वीज़ा आवेदनों में 20% वृद्धि हुई। विशेष रूप से हेल्थकेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्रों में भारतीय टैलेंट को प्राथमिकता मिल रही है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि विदेशी जॉब तलाशने वाले उम्मीदवारों को इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन और भाषा कौशल पर ध्यान देना चाहिए।

 ग्रीन एनर्जी सेक्टर में नौकरियां

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक 10 लाख नई नौकरियों की संभावना है। सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में इंजीनियर्स, प्रोजेक्ट मैनेजर और टेक्नीशियन की भारी मांग है। सरकार की “नेशनल ग्रीन मिशन” योजना से निजी निवेशक भी इस क्षेत्र में आ रहे हैं। कई कंपनियां युवाओं को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के जरिए तैयार कर रही हैं। यह सेक्टर आने वाले वर्षों में स्थायी और उच्च वेतन वाली नौकरियों का बड़ा स्रोत बन सकता है।