2025 की तीसरी तिमाही में भारतीय IT कंपनियां 2 लाख से अधिक नए कर्मचारियों को भर्ती करने की योजना बना रही हैं। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां जनरेटिव AI, साइबरसिक्योरिटी और क्लाउड इंजीनियरिंग पर ध्यान दे रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ग्लोबल क्लाइंट डिमांड के कारण यह हायरिंग बढ़ी है। नए ग्रेजुएट्स के लिए औसत पैकेज 15% बढ़ा है। कंपनियां अपस्किलिंग प्रोग्राम पर भी निवेश कर रही हैं ताकि कर्मचारी AI और डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों में दक्ष बन सकें।
Jobs (नौकरी)
स्टार्टअप सेक्टर में जॉब क्रिएशन
भारत में स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 5 लाख से ज्यादा नौकरियां बनाई हैं। फिनटेक, हेल्थटेक और ई-कॉमर्स सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। निवेशकों का कहना है कि नए फंडिंग राउंड से और रोजगार पैदा होंगे। कई स्टार्टअप अब छोटे शहरों में भी हायरिंग कर रहे हैं, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में युवाओं को अवसर मिल रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उम्मीदवारों को मल्टी-स्किल्ड होना चाहिए क्योंकि स्टार्टअप्स में रोल्स डायनामिक और तेजी से बदलने वाले होते हैं।

सरकारी नौकरियों में भर्ती तेज़
केंद्र सरकार ने 2026 तक 10 लाख सरकारी पद भरने का लक्ष्य रखा है। रेलवे, डाक विभाग, रक्षा मंत्रालय और शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा भर्तियां होंगी। इस वर्ष पहले ही 3.5 लाख नियुक्तियां की जा चुकी हैं। डिजिटल रिक्रूटमेंट प्रक्रिया से भर्ती तेज़ और पारदर्शी हो रही है। युवाओं के लिए नई स्किल ट्रेनिंग योजनाएं भी शुरू की गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बेरोज़गारी दर में कमी आएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

विदेशों में भारतीय पेशेवरों की मांग
अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय IT, नर्सिंग और इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है। नई इमिग्रेशन नीतियों और रिमोट वर्क कल्चर ने अंतरराष्ट्रीय अवसरों को आसान बनाया है। 2025 में H-1B और अन्य वर्क वीज़ा आवेदनों में 20% वृद्धि हुई। विशेष रूप से हेल्थकेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्रों में भारतीय टैलेंट को प्राथमिकता मिल रही है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि विदेशी जॉब तलाशने वाले उम्मीदवारों को इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन और भाषा कौशल पर ध्यान देना चाहिए।

ग्रीन एनर्जी सेक्टर में नौकरियां
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक 10 लाख नई नौकरियों की संभावना है। सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में इंजीनियर्स, प्रोजेक्ट मैनेजर और टेक्नीशियन की भारी मांग है। सरकार की “नेशनल ग्रीन मिशन” योजना से निजी निवेशक भी इस क्षेत्र में आ रहे हैं। कई कंपनियां युवाओं को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के जरिए तैयार कर रही हैं। यह सेक्टर आने वाले वर्षों में स्थायी और उच्च वेतन वाली नौकरियों का बड़ा स्रोत बन सकता है।
